बेंगलुरु: 64 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षिका को आभूषण प्रदर्शनियों से सोने के गहने चोरी करने के आरोप में सुब्रमण्यनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी, ज़हीरा फातिमा, जो मैसूर की रहने वाली है, ग्राहक बनकर गहनों की चोरी करती थी ताकि वह अपने चिकित्सा खर्च पूरे कर सके।
शिक्षिका से बनी चोर: आर्थिक तंगी ने बनाया अपराधी
ज़हीरा, जो पहले दुबई में शिक्षिका के रूप में काम कर चुकी थी, कोविड-19 महामारी के दौरान भारत लौट आई थी। वह हृदय रोग से पीड़ित थी और कई स्टेंट प्रक्रियाओं से गुजर चुकी थी, जिससे उसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। पैसों की तंगी के चलते उसने चोरी का रास्ता अपनाया।
कैसे बनती थी गहनों की चोर
ज़हीरा फेसबुक विज्ञापनों के माध्यम से ज्वेलरी प्रदर्शनियों के लिए पंजीकरण करवाती थी और व्हाट्सएप नंबर देकर आयोजनों की जानकारी प्राप्त करती थी। फिर वह बेंगलुरु और मैसूर सहित कर्नाटक भर में होने वाली प्रदर्शनियों में ग्राहक बनकर जाती और कीमती गहने चुरा लेती।
उसकी गिरफ्तारी 17 जनवरी को राजाजीनगर स्थित एक होटल में आयोजित ज्वेलरी एग्जीबिशन में हुई चोरी की जांच के दौरान हुई। इस घटना में ₹4.75 लाख का 12 ग्राम का डायमंड ब्रेसलेट और 59 ग्राम के सोने के कंगन चोरी हुए थे।
पुलिस की गुप्त कार्रवाई से गिरफ्तारी
सूचना मिलने पर पुलिस ने रेस कोर्स रोड स्थित एक फाइव-स्टार होटल में एक ज्वेलरी एग्जीबिशन में जाल बिछाया। उत्तरी डिवीजन डीसीपी सईदुलु अडा वट और एसीपी एच. कृष्णमूर्ति के नेतृत्व में सुब्रमण्यनगर पुलिस अधिकारियों ने ज़हीरा को गिरफ्तार किया। उसके पास से 78 ग्राम सोना, जिसकी कीमत ₹8 लाख थी, और चोरी हुआ डायमंड ब्रेसलेट बरामद हुआ।
CCTV फुटेज ने खोला राज़
शुरुआती पूछताछ में ज़हीरा ने अपनी संलिप्तता से इनकार किया और अपनी स्वास्थ्य स्थिति का हवाला दिया। लेकिन जब उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया, तो उसने चोरी की बात कबूल कर ली। पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ पहले से ही दो मामले दर्ज थे।
यह गिरफ्तारी हाई-प्रोफाइल आयोजनों में बढ़ती चोरियों को उजागर करती है और इन प्रदर्शनों में सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाती है।